राजस्थान सरकार का एक फैसला जो हजारो लोगो को कर्ज में डूबने से बचाने वाला है जानिये क्या है इसमें निराला
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निराले-रंग |
राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार ने एक ऐसे कानून को लागू करने को कहा है जो पहले से ही बना हुआ है इस कानून में आपको ये समझाना होंगा की इस कानून को जबरन लागू करवाया जायेंगा. समाज में व्याप्त कुरीतियों में से एक कुरीति को समाप्त करने के लिए सक्ती के साथ लागू करवाया जायेंगा।
आइये हम आपको बताते है कौन सा कानून है जो इन दिनों सक्ती से समाज में लागू
करवाया जा रहा है
हम जिस कानून की बात कर रहे है वह
राजस्थान मृत्युभोज निवारण अधिनियम की कानून तो 1960 में बनाया गया लेकिन इसकी पालना आज तक ना हो सकी थी जिसे कारण ये क़ानून केवल नाम मात्र का रहा गया था. राजस्थान के मुख्यम्नत्री अशोक गहलोत के सशक्त निर्णय के फलस्वरूप राजस्थान ने आजीवन मृत्युभोज पर पाबंधी रहेंगी।
जानिए किन लोगों को मृत्युभोज रोकने व सूचना देने के लिए जिम्मेदार रखा गया है
आम नागरिको सहित हर खास व्यक्ति इसकी सूचना नजदीकी पुलिस थाने ने दे सकता है, सूचनार्थी का नाम गोपनीय रखा जाएगा। लेकिन कुछ खास लोगो को इसकी जानकारी निश्चित ही देनी होगी जिसमे सरपंच, पार्षद, और पटवारी होंगे। अगर सरपंच, पार्षद या पटवारी इनकी जानकारी नहीं देते तो इन्हे निलंबित करने का प्रावधान भी है।
किन लोगो को इसका फायदा होंगा
वे लोग जो अपने परिवार वालो की मृत्यु के बाद बिना किसी विचार के अपनी जमीन, गहने, और मेहनत की कमाई व्यर्थ ही केवल दिखावे के लिए खो देते है, जिन पर समाज के ठेकेदार लोग दबदबा बनाकर मृत्युभोज करने के लिए विवश करते है।
किन लोगो के नाक में होंगे दम
वे लोग जो हमदर्दी कम पर मृत्युभोज पर जाते थे, मौत पर मातम की जगह जश्न मानाने आते थे ऐसे लोगो के लिए ये कानून जरुरी था जो समाज ने उच्च - निच्च फैलते थे उन लोगो को एक तमाचे के रूप ने है ये कानून।
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