महाशिवरात्रि पर्व महान-Geet

 महाशिवरात्रि पर्व महान

 महाशिवरात्रि पर्व महान


महाशिवरात्रि है अति शुभ रात्रि, पर्व है यह सर्व महाना
सत्यम-शिवम-सुन्दरम द्वारा प्राणिमात्र का हो कल्याण||
कर्मकाण्ड, औपचारिकता ने, आध्यात्मिक सच का लिया स्थान,
तब बनते सर्वनाशार्थ अणुबम, संहारक होता विज्ञाना
दोहन अति प्रकृति का करके, क्षरण परत होता ओजोन,
मौसम असम, ताप में वृद्धि, प्राकृतिक आपदा, जल-अवसाना
होती जाती ग्लानि धर्म की, बढ़ता जाता पापाचार,
धर्म स्थापन हेतु तभी ही, प्रभु-शिव लेते हैं अवतारा
तब शिवशक्ति से तमस नष्ट कर, शिव हरते है अज्ञान
महाशिवरात्रि है अति शुभ रात्रि, पर्व है यह सर्व महाना।
नूर, 'डिवाइन लाइट' शिव ही, ज्योति स्वरूप वही ओंकार,
शिव कल्याण स्वरूप स्वयं है, लिंग रूप प्रतिमा आकारा
आशुतोष, विषपायी शिव ही, सब दुर्गुण करते स्वीकार,
आओ, मोह, मद करें समर्पित, स्व मन बनायें शिव आगारा।
गुण लें अवढरदानी के हम, अवगुण सारे कर दें दाना
महाशिवरात्रि है अति शुभ रात्रि, पर्व है यह सर्व महान।।
वैर-बेर और घृणा-धतूरा, व्यसन रूप भाग भी चढ़ाये,
विषय-वासना और पाप के, अक फूल शिव को सौंप के आयो
संयम रख संकल्प करें हम अवगुण तज, सब गुण अपनाये,
संगम युग में रहें समीप, संग शिव बैठ विचार बनायें।।
आत्मज्योति को ज्योतित रखें और न लें नींद अज्ञाना
महाशिवरात्रि है अति शुभ रात्रि, पर्व है ये सर्व महाना।
दिव्यगुणों को धारण करके, सुख-शान्तिमय हो जीवन,
कुसस्कार, आसुरी वृत्ति का, काम-क्रोध का कर तर्पणा।
अन्यों की न बुराई देखें, स्वर्गुण देखें ज्ञान-दर्पण, ।
पवित्रता के पुरुषार्थ द्वारा करें अशुद्धि सब अर्पणा ।
कलियुग फिर सतयुग बन जाये, व्यक्ति-व्यक्ति का हो निमाणा
महाशिवरात्रि है अति शुभ रात्रि, पर्व है ये सर्व महाना।

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