दिवाली का अर्थ ही पटाखे होता है लेकिन इस वर्ष राजस्थान में नही फोड़े पटाके

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happy diwali nirale rang 

 पटाको पर राजस्थान सरकार का इंकार इस वर्ष दिवाली पर पटाके बेचना गैर क़ानूनी, फिर भी बेचे तो लगेंगा भारी जुर्माना.....

राजस्थान राज्य में महामारी के मध्य नजर पटाखे फोड़ने पर पाबंधी लगा रखी है, राजस्थान वासियों के लिए ये दिवाली बिना पटाको वाली होंगी जिससे सच में पारम्परिक नज़ारे देखने को मिलेंगे. इस बार जो ध्यान बच्चो और बड़ो को पटाखों की तरफ खिचता था वह अब वास्तविक दीपावली की तरफ खीचेंगा इस बार रंगोली घरो के आगानो में ज्यादा दिखाई देंगा. 
  घर की सजावट की बात की जाए तो घर भी स्वच्छ और शानदार नजर आयेंगे. कहने को तो इस दीपावली को पटको के बिना मनानी है लेकिन पारम्परिक पूजा का लाभ इस दीपावली पूरा परिवार उठा सकता है, पूजा में पटाखों से इस बार ध्यान भंग नही होंगा. 
  इस दीपावली रिश्तो को रंगत निखारने का त्यौहार रामा-सामा भी दिवाली के अगले दिन बढे ही शान से मनाया जायेंगा. इस वर्ष महामारी से हुयी मौतों के करना कई घरो में शोक का माहोल होते हुए दिवाली के दिन लोग घर में दू:ख बटने शोकित घर पर बैठने भी जाते है. 
  इस बार महामारी के करण दिवाली की खरीदी के लिए घर से बहार निकलते समय मास्क लगाना और साथ में सेनेटाइजार लेना भी जरुरी है, मिठाइयाँ जहा तक हो सके ताज़ी एवं घर की बनी ही उपयोग में लेवे. खरीदी के समय भी उचित दुरी का ख्याल रखे ज्यादा भीड़ भाड में ना जाए. 
 रामासाम के दिन अपने मित्रो और रिश्ते दारो से मिले तब मास्क एवं सेनेटाइजार का प्रयोग करे. पटाके न जलने से ग्रामीण क्षेत्र में होने वाली अत्यधिक घटना जो पशु चारे में आग लगने जैसी घटनाये नही होंगी और किसी गरीब किसान की हानि नही होंगी. 
इस बार दस हजार रुपये तक का जुर्माना पटाखे भेचने पर राजस्थान राज्य सरकार ने लगाया है, इससे पटाके की बिक्री नही होंगी. सम्पूर्ण राजस्थान में दिवाली के समय होने वाले प्रदुषण से मुक्ति मिलेंगी और वातावरण भी स्वच्छ रहेंगा.   

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