Womens Day Speical Kavita :- Nirale Rang
अब लड़ना होगा : नारी
अब लड़ना होगा तुम्हे, अज्ञान अन्धकार से !
मिटा दो शोषण, अत्याचार, अब लड़ो शैतान से!!
उठा दो अपनी लेखनी, नाम मिटा दो इतिहास से।
अबला , निर्बल, अज्ञानी, नारी के अध्याय से॥
उखाड़ फैको उन रस्मों को, जो खेल खेले नारी से ।
दहेज, पर्दा और बाल विवाह को , मिटा के इन्हे राहो से।
अच्छी नारी बनना सीखों, मनु-लक्ष्मी बाई के काम मे।
और निज को गढ़ना सिखों, विधा के ध्यान से॥
बिखेर दो प्रेम के बीज, अपने हाथ से।
खिल उठेगी मानवता आज, नारी के अध्याय से ।।
अब लड़ना होगा तुम्हे, अज्ञान अन्धकार से।
मिटा दो शोषण, अत्याचार, अब लड़ो शैतान से ।
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